मालूम नहीं....
कब तक...
मैं यूंही लिखती रहूंगी.....
इन बेहिसाब शब्दों के साथ...
अपने सपने बांटती रहूंगी...
अब तुमसे ज्यादा....
ये शब्द मुझे समझ पाते हैं....
इसीलिए..
शायद...मेरी बात...
तुम तक..पहुंचाते हैं......
कल की ही तरह...
मैं आज भी लिखती हूं...
तुम्हारे लिए....
क्योंकि.....शायद
मेरी कलम आज भी तुम्हारे पास रेहन है...!!
29 comments:
अब तुमसे ज्यादा....
ये शब्द मुझे समझ पाते हैं....
........
शायद
मेरी कलम आज भी तुम्हारे पास रेहन है...!!
सारगर्भित - देखत में छोटे लगें घाव करें गंभीर -
हार्दिक शुभकामनाएं
अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं। बधाई।
"अब तुमसे ज्यादा ....
ये शब्द मुझे समझ पाते है...."
बहुत सुन्दर शब्दो का चयन । बधाई ।
अब तुमसे ज्यादा....
ये शब्द मुझे समझ पाते हैं....
Wah! kya kahane ..bahaut acchi lagi aapki rachana!!
Badhai!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
बहुत उम्दा!
बहुत सुन्दर शब्दो का चयन । बधाई ।
हाय राम अब ये आशिक लोग मुए दिल जिगर par कब्ज़ा रखते रखते कलम भी गिरवी रखने लगे. बड़े जालिम हैं. क्या किया जाए इनका!
अब तुमसे ज्यादा....
ये शब्द मुझे समझ पाते हैं....
इसीलिए..
शायद...मेरी बात...
तुम तक..पहुंचाते हैं......
काश वो भी शब्दों की भाषा समझ लें .......... बहुत खूब लिखा है .........
bahut khoob!!
exellent !!!
i dont have to express feelings for it...
Manish Kariya
कलम रेहन है... और लिखते जाना, बहुत अनूठा बिम्ब है
सुन्दर अभिव्यक्ति और भाव
marmik
waah ! Maashaa-Allaah !
Your blog is good.
सुंदर काव्य है....छू जाने वाला
हार्दिक शुभकामनायें
अब तुमसे ज्यादा ....
ये शब्द मुझे समझ पाते है "
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !!!!
हार्दिक बधाइयाँ !!!!!!!!!!!सुंदर अभिब्यक्ति........
बहुत अच्छा ।
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JO dil se kuchh sochate hai vo jarur puri hoti hai
your blog is the nice
susheel kumar bhardwaj
लिखती रहो, बात पहुंचती रहेगी
Dost Banaye nahi Jate ban jate hai bas ese hi ek dusro ke shath dost mil jate hai
bhut sahi likha hai aap ne
likhti raho yuhi thank you
mere blog http://gyansarita.blogspot.com/
par aap ka swagat hai
Your blog is the good
oh god..well written..beautiful words..
aap likhti bahut achaha hai
behtareen ahbivyakti, badhai..
This is the nice blogs
kabhi-kabhi lagtaa hai aapko samajhne ke liye kaafi samay tak mashshakat karni padegi.
hindi saahitya me "shabdon kaa raakshas" naam gajaanan madhav muktibodh ko milaa hai. aapki rachanaaon ko dekhkar ek naam dene kaa man kartaa hai "shabdon kii chudel". maaf karnaa. vaise main shabdon kaa bhoot hun. bhaav ke star par aap "samvedanaa ki devi" hain.
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