Friday, August 15, 2008

खोज.....एक नई दुनिया की.......

ब्लॉग का संसार यानि अथाह ज्ञान का भंडार ,सच कहुं तो बहुत मज़ा आया इस दुनिया को खंगालने पर ,वैसे तो मैं बहुत ज़्यादा नैट सैवी नहीं हुं लेकिन कभी -कभार टाईम पास करने के लिए तो नैट पर बैठना होता ही है.....बस,तो फिर सर्च इंजन पर ब्लॉग टाईपर करने पर जो मंजर सामने आया वो निंसदेह नितांत प्रशंसनीय था।
हममें से ज्यादातर लोग इस मशीनी जिंदगी को ढोते -ढोते रोबोट की भांति व्यवहार करने लगते हैं या यूं कहे इंसान से ज्यादा रोबोट बन जाते हैं..हर किस्म की रिश्तों,बातों को समय का बहाना लेकर टाल लेने की आदत में ढल जाते हैं।और शायद वक्त ही नहीं निकाल पाते अपने लिए,अपनी सोच के लिए और शायद अपने दोस्तों के लिए.....
इसीलिए शायद मुझे ब्लॉग इतना ज्यादा पसंद आया ,ये एक ऐसा रोचक माध्यम लगा जिसमें मैं अपने पंखो को बिना फैलाए उड़ सकती हूं और पूरा आसमां अपना सा नज़र आता है ।।यहां कोई पाबंदी नहीं आपकी सोच पर..कोई रोकने नहीं आ सकता आपको उड़ने से और नाही आपको इंतजार करना पडेगा अपने ही विचारों और अपने अंदर के जज्बे पर किसी की मोहर लगाने का।बल्कि एक अजीब सी आत्मसंतुष्टि मिलती है यहां अपने आपको देखने पर....।खैर ये तो मेरी निजी राय है।।
इतने रोचक और ज्ञानवर्धक मामले की सबसे रोचक बात इसकी नामावली लगी ...कस्बा,महुआ,चौपाल,भरोसा,बंजारा और भी न जाने क्या क्या.ये ब्लॉग्स अपनी चर्चा और अपने विचार प्रकट करने का तो एक माध्यम हैं ही साथ ही साथ हमें अपनी जड़ों से बांधे रखने का काम भी बखूबी कर रहे हैं।
लिखने और पढने दोनों पर ही यहां कोई बंधन नही....यदि किसी को आपकी बात पसंद नहीं या फिर आप किसी की बात से इत्तेफाक नहीं रखते तो बेशक आप स्वतंत्र है अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए।
ब्ल़ॉग बिल्कुल आपके मन की तरह प्रतीत होता कोई गति नहीं कोई बैरियर नहीं कोई सीमा नही,पता नहीं कब किस बात पर आपका मन मचल जाए और आपकी कलम उठ जाए माफ कीजिए...उंगलिया कीबोर्ड की तरफ बढ़ जाएं।
गांव की चौपाल से लेकर स्क़ॉटलैंड में पुर्नजन्म तक....मतलब आप सोंचे,टाइप करें और ये लीजिए मसाला तैयार....यहां आप बिहार के सत्तू से लेकर मेट्रोंज में मिलने वाले बॉइल्ड कॉर्नस(उबले भुट्टे)
तक पर लंबी बहस और व्यंग्य का मजा ले सकते हैं।
और बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती है..ये ब्लॉग आपकी संवेदनाओ को भी कचोटता है और आपके दुलार को भी सहेजता है...ऐसा ही कुछ देखा मैनें बेटियों के ब्ल़ॉग में..जहां लोग अपने बच्चों की बातें अक्षरश आपके साथ शेयर कर सकते है और आप भी अपनी खुशियां दूसरों के साथ बांट सकते हैं।
ये ब्लॉग उन लोगों के लिए तो बहुत ही अच्छा है जो कहीं न कही सृजनात्मक और रचनात्मक है,आप यहां बहुत ही आसानी से अपने सपनों को संजो सकते है उन्हें आगे बढ़ा सकतें है...ठीक जगह पर उन्हें पहुंचा सकते है और यहां तक की पैसे भी कमा सकते हैं।और जैसा कि मैने पहले भी बताया साहित्यकार से लेकर फिल्मकार और फिल्मस्टार्स तक की एक लंबी फेहरिस्त यहां मौजूद है...तो इतना खुलापन तो अपने आस पास भी महसूस नहीं होता जितना ब्लॉग की इस दुनिया में है...ब्लॉग की सहूलियत और उपयोगिता को देखते हुए ही हर आदमी चाहें आम हो या खास इससे जुड़ना चाहता है.....।
औऱ अगर आपके पास समय की कोई कमी नहीं और जरा सा भी लिखने का शौक है तो स्वागत है आपका ब्लॉग की इस दुनिया में...।।.....

1 comment:

संगीता पुरी said...

सही कहा , एक नई तरह की ही दुनिया है। ब्लागिंग जगत कह यह दुनिया। जो मन है , करते चले जाइए। कोई रोकटोक नहीं , कोई बंधन नहीं। अपनी मर्जी भला और कहां चल सकती है ?