धन्यवाद शब्द छोटा लग रहा है...फिर भी लिख रही हूं....नहीं लिखूंगी तो मेरा मन कचोटता रहेगा....क्योंकि आज आपके कॉलम में मेरे ब्लॉग की चर्चा देखकर....मेरे दिन की शुरुआत आज इतनी अच्छी हुई है....कि मारे खुशी के उछल पड़ी थी....बस थोड़ी देर पहले ही नींद से जागी थी....और देखते ही....शायद सरप्राइज़......मेरे पास बैठी मेरी बहन से मैने कहा....अरे ये तो मेरा ब्लॉग है....यहां...?
हिंदुस्तान को पढ़ने के साथ-साथ हर हफ्तें इस कॉलम का भी इंतज़ार रहता है....कि इस हफ्ते किस ब्लॉग को सिलेक्ट किया रवीश जी ने....बट आए वॉज़ नॉट एक्सपेक्टिंग माए ब्लॉग टू बी देयर.....क्योकि मुझे कभी ऐसा नही लगा कि मेरे कॉलम के बारे में आप कभी लिखेंगे...क्योंकि जब भी आप किसी क़ॉलम को सिलेक्ट करते हैं...कुछ न कुछ खासियत ज़रुर बताते हैं...और मैं जब भी लिखती हूं....वो सोचा समझा नही होता...सिर्फ जो दिल में आता है....लिखती चली जाती हूं....और जिस लेटेस्ट पोस्ट के बारे में आपने लिखा....वो मेरी ताज़ा मनस्थिति है....इसलिए ऐसी कुछ खासियत लिए मुझे अपना ब्लॉग नहीं लिखता....ये तो बस एक ओपन डायरी की तरह है....जिसे मेरे साथ-साथ सब पढ़ते चले जातें हैं....
धन्यवाद आपका....इसे अपने कॉलम में जगह देने का.....
8 comments:
me to tume फ़ोन करने waali थी लेकिन nambar नही था .....badhaaee हो ......
ढेर सारी बधाईयाँ. शुभकामनायें.
बधाई!
अब तो आपसे
गुर सीखने पड़ेंगे
कब अपनी शरण
में ले रही हैं हमें।
बधाई हो आपको।
जो अपनी खासियत समझकर नहीं लिखते, उसी समय खास हो जाते हैं। बधाई
बधाई
बधाई.. हांलाकि हिंदुस्तान का कालम मैने नहीं पढा .. तुम्हारा एसएमएस मुझे मिला था लेकिन मै उस दिन शहर में नहीं था ... बहुत अच्छा लिखने लगी हो ...ढेरों बधाई ...
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