Wednesday, November 19, 2008

आतंक का नया चेहरा...

कोई भी न्यूज़ चैनल देखिए या फिर कोई भी अखबार....कहीं कोई जगह नहीं जिसमें हिंदु आतंकवाद का ज़िक्र नहीं हो...और हो भी क्यों ना...एक नया सा नाम है और एहसास भी हर बार से जुदा......क्योंकि हम सब तो ये मानकर ही चलते हैं कि आतंकवाद यानि इस्लाम और मुसलमान...

लेकिन इस बार आतंकवाद के घेरे में साधु और सिपाही के आजाने से तो हालात ही बदल गए है....कई ऐसे चेहरे जो हिंदी, हिंदु,हिंदुस्तान का नाम लेते नहीं थकते थे.......आज खुलकर बोलने को तैयार नहीं.....क्या माएने लगाए जाएं इसके....एक ही झटके में मानों सबकुछ बदल गया....अचानक से वो बहस जो सॉफ्ट टार्गेटेड होती थी और हमेशा ही पाकिस्तान,इस्लाम,बांग्लादेश,अलकायदा,आईएसआई के इर्दगिर्द शुरु होकर वहीं खत्म हो जाती थी.....आज कुछ और ही आयाम बयां कर रही है।

दो नामों ने तो वाकई हिला कर रख दिया.... साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित के आतंकवादी ब्लास्ट में शामिल होने ने अचानक उस धारणा को झकझोर दिया है जो मुसलमानों के खिलाफ होती थी और जो ये कहती थी कि हर मुसलमान चाहे आतंकवादी न हो लेकिन हर आतंकवादी मुसलमान जरुर है।

लेकिन हमेंशा की तरह ये बेवकूफ और कुछ हद तक भोली जनता शायद ये समझ नहीं पाती कि जो कुछ भी होता है उसके पीछे एक तयशुदा रणनीति होती है और मामला सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक का होता है और इस वोट बैंक का जिम्मेदार कभी भी कुछ भी कर सकता है।

समाधान क्या है ये तो जनता ही तय करेगी.... लेकिन इतना जरुर है कि सिर्फ राजनीतिक पार्टियां बदलने से कुछ नहीं होता ,कोई मुसलमानों का हितैषी बनता है तो कोई जय श्री राम की हुंकार भरकर अपने हिंदुत्व का प्रदर्शन करना नहीं भूलता.....लेकिन उस जनता को कोई नहीं पूछता जिसका देश बंटता जा रहा है और लगातार बिक रहा है।

साध्वी का नाम सामने आने से प्रतिक्रियाएं भी अलग अलग आईं.....साधु संतो के आदर्श समाज की खोखली पड़ती नींव का आदर्श प्रतीक बनी साध्वी प्रज्ञा.......लगातार हुए धमाकों में नाम सामने आने से साध्वी ने हिंदुत्व की एक नई थ्योरी ही सामने रख दी.....

लेकिन विडंबना यही है कि कोई भी खोखली होती जड़ों को संभालने की कोशिश नहीं कर रहा......हर मोड़ पर अपना स्वार्थ सिद्ध करने वाले ये पाखंडी नेता यहां भी कोई कमी नहीं छोड़ रहे........बीजेपी राग अलाप रही है कि भारतीय संस्कृति से जुड़ा व्यक्ति आतंकवाद से नहीं जुड़ सकता तो कांग्रेस भी मुसलमानों का वोट पक्का करने में लगी हुई है कि देख लो बीजेपी का ये रुप एक हम ही हैं तुम्हारे हितैषी.....
लेकिन हर कोई फिर उन हालातों से अपनी आंखे ज़रुर मूंद रहा है जो आने वाले वक्त में हम पर हावी होने वालें हैं.....इसलिये जयपुर-अहमदाबाद-दिल्ली के आतंकवादी घमाको में मुस्लिम और मालेगांव में हिन्दु आतंकवादी नजर आ रहा है। जबकि ये कोई नहीं जानना चाहता कि दोनों ही भारतीय हैं।

8 comments:

Sadhak Ummedsingh Baid "Saadhak " said...

हिन्दू का यह देश है, उस पर ही आतंक.
मुस्लिम को पुचकारता, सरकारी महन्त.
सरकारी महन्त, समझता उसे जमाई.
हंसकर सह लेता है उसकी लात सदा ही.
अब साधक माँ के सपूत को आया होश है.
नहीं सहेंगे दुष्टों को,हिन्दू का देश है.

पुलिस-प्रशासन-फ़ौज भी देंगे उनका साथ.
यु.एन.ओ.और संविधान, करता सबकी बात.
कहता सबकी बात, रावणी कुनबा भारी.
हिन्दू दबकर रहे, सभी की है तैयारी.
पर साधक रावण से बढकर नहीं है शासन.
उसे हर बरस जलता देखे, पुलिस-प्रशासन.

roushan said...

यकीनन इस खोखली हो रही जमीन की चिंता करनी होगी. धर्म के नाम पर किए जा रहे अनाचारों को कभी भी बर्दाश्त नही किया जा सकता

वर्षा said...

हाल ही में एक मुस्लिम साथी ने इन ख़बरों पर कमेंट किया " राजनाथ सिंह को अब समझ आया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता"। बम चाहे हिंदू फोड़े या मुसलमान जान तो इंसानों की ही जा रही है।

कडुवासच said...

... आतंकवाद की कोई सरहद, देश, जात, धर्म नही होता, होता है तो बस आतंक , आतंकवाद का समर्थन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सर्वथा निन्दनीय है और रहेगा।

vijay kumar sappatti said...

aaj pahli baar aapke blog par aaya hoon.

aapke lekhan ko padkar accha laga .
dekhiye India is becomming a banana country and unless and untill we make our leaders responsible , India willnot change . every day the same news of blood and horror etc..






regards

vijay
http://www.poemsofvijay.blogspot.com

डॉ .अनुराग said...

अब ख़बर सिर्फ़ बेचने का सामान है .....पता नही इलेक्ट्रोनिक मीडिया में समपादक होते है या नही .क्यूंकि लाइव के नाम पर कुछ भी परोस दो...

Bahadur Patel said...

bahut achchha likh rahi hai aap.

महुवा said...

उम्मेद सिंह जी...माफी चाहती हूं...लेकिन मुझे लगता है कि आप बीमार हैं.....किसी साएकेट्रिस्ट के पास जाइए....बेहतर रहेगा