संवेदनात्मक!---------------चाँद, बादल और शामhttp://prajapativinay.blogspot.com/
ज़िंदगियों के फंसे आयाम.....और उनसे निकलती सिसकियां....dil ko chu gai ye panktiyan
bahut badhiya rachana .
खबर यह कि सिसकियों को घुटन हो रही है.
बहुत सुंदर ।
खूबसूरत रचना . धन्यवाद .
बहुत सुंदर...
bahut sahi likha..
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9 comments:
संवेदनात्मक!
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चाँद, बादल और शाम
http://prajapativinay.blogspot.com/
ज़िंदगियों के फंसे आयाम.....
और उनसे निकलती सिसकियां....
dil ko chu gai ye panktiyan
bahut badhiya rachana .
खबर यह कि सिसकियों को घुटन हो रही है.
बहुत सुंदर ।
खूबसूरत रचना . धन्यवाद .
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