अरे जाओ,कोई उस राज ठाकरे को ढूंढ कर लाओ,कहीं नज़र नहीं आ रहा...ग़ज़ब चिल्लाहट थी..कुछ दिन पहले तक....बड़ी हुंकार भरी थी.....मुंबई किसके बाप की है.....मैं बता दूंगा......अरे कहां चली गई वो चिल्लाहट.....कहां गया वो बाप.....कौन से बिल में छुपा है.....कहां गया वो मराठा प्रेम और मुंबई प्रेम...कहां चले गए थे राज....जब मुम्बई का सीना चीर कर मुम्बई वासियों को आतंकी दहला रहे थे.....ज़रा अब बोलो.......जय महाराष्ट्र
जवाब कैसे दोगे....क्योंकि कहने को तो कुछ है ही नहीं पास में.....सिर्फ राजनीति ही करनी आती है.....अरे नहीं तुम्हें तो वो भी नहीं आती.....जो कुछ मिला विरासत में मिल गया....क्योंकि तुम तो सिर्फ अपने चाचा की नकल किया करते हो और सिर्फ भड़काऊ भाषण देकर मराठवाद की आग भड़का कर.....अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हो....ज़रा ज़ोर से बोलो..
जय महाराष्ट्र
इतनी जल्दी अपनी ही कही कैसे भूल गए...कि मुंबई में बाहर का कोई नहीं आएगा...कहां गई थी तुम्हारी औकात,तुम्हारी कूवत जब तुम्हारे ही सीने पर पिछले कुछ महीनों से आतंकी इस धरती पर रहे और तुम्हारी....नहीं हम सबकी इस धरती पर आतंक का नंगा नाच करके चले गए...पर तुम सामने नहीं आए....क्या उस वक्त भी यही बोल रहे थे.....जय महाराष्ट्र
तुमसे क्या कहना तुम तो बिना मराठवाद औऱ राजनीति का चश्मा लगाए ठीक से देख भी नहीं पाते हो....इसलिए तुम्हें तो नज़र भी नहीं आया होगा कि शहीद हुआ मेजर दक्षिण-भारत का था और वहां हमारी इज्जत बचाने के लिए पहुंचे हुए एनएसजी के जवान किस किस प्रदेश के थे....लेकिन कोई बात नहीं....तुम सिर्फ बोलो......जय महाराष्ट्र
भारत की शान बचाने के लिए शहीदों की शहादत को सलाम ...हमें नहीं पता कि शहीद हुए ये जांबाज़ किस प्रदेश के थे....इन सब जांबाज़ो को इसलिए सलाम क्योंकि इन्होनें अपनी जान पर खेलकर हम सब की जान बचाई....हिंदुस्तान की इज्जत बचाई.......लेकिन तुम मत डरो....तुम्हें कोई नहीं कहेगा सलाम करने को......तुम सिर्फ बोलो.......जय महाराष्ट्र
शायद तुम भी नहीं भूले होगे....जब तुम्हारी मनसे के रणबांकुरों ने बिहार से आए छात्रों को रेल्वे स्टेशन पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था....बहुत मर्दानगी महसूस कर थे ना तुम और तुम्हारे वो रणबांकुरे......लेकिन,आतंकियों के सामने तुम्हें अपनी नामर्दी का एहसास नहीं हुआ,ताज्जुब
चलो कोई बात नहीं,तुम चैन से रहो और माला जपो......जय महाराष्ट्र
तुम और तुम्हारी सेना जिस बिल में भी छुपी हो..........वहीं रहना.............कहीं कोई ये ना पूछ ले
अब कैसे बोलोगे...........जय महाराष्ट्र
हां भई.......तुम पर क्या फर्क पड़ेगा.....तुम तो आदी हो इन बातों के.......राजनीति में जो हो....
तुम सुनना तो नहीं चाहते होगे,लेकिन सुनो......इन आतंकवादियों ने चूलें हिला दीं.....सिर्फ मुम्बई की ही नहीं वरन समूचे भारत की.....क्योंकि ये हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं था........ये हमारे देश पर हमला था...........तुम्हें सिर्फ इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि तुम भी एक तरह के आतंकवादी हो........बस कर्मों का फर्क है......हालांकि तुममे और इन दरिंदों में ज्यादा फर्क नहीं....तुमने जो मराठवाद और क्षेत्रवाद की आग भड़काई थी उससे भी कुछ ऐसा ही मंज़र पैदा हुआ था........फर्क सिर्फ इतना था कि तुम्हारा निशाना बने......उत्तर भारतीय औऱ इन दरिंदो का निशाना बने भारतीय और विदेशी.........यही वो रेलवे स्टेशन था जिस पर तुमने अपनी दहशत का आतंक फैलाया.......अब कुछ होश आया या अभी भी ज्ञान बांट रहे हो.......-जयमहाराष्ट्र
इतना तकलीफदेह मंज़र था जिसने पूरे भारत को हिला दिया.......लेकिन तुम्हारी सेना पर कोई फर्क नहीं पड़ा ......नारे भी लगाए लेकिन आवाज़ सिर्फ एक......जय महाराष्ट्र
थोड़ी सी....सिर्फ थोड़ी सी शर्म कर लो.....कम से कम एक बार तो अपनी तरफ से तो कोशिश मत करो इस देश को बांटने की और तोड़ने की........इस देश की अखंडता और संप्रभुता को सलाम करो......कम से एक बार तो कोशिश करो........सबको गले लगाने और सबका सम्मान करने की........कोशिश करके देखो....भारतीयों का दिल बहुत बड़ा होता है.......शायद तुम्हारे गुनाह माफ कर दिए जाएं........और शायद फिर हम सब मिलकर बोल पाएं..........जय महाराष्ट्र
14 comments:
क्या यह राज ठाकरे पर अपनी भडास निकालने का समय है. ? जिस राज ठाकरे ने मुम्बई को पूरे देश से काटकर देखा. वह यदि मुम्बई से कट गया तो इसमें आश्चर्य क्या है. हम तो हर प्रांत को देश का अटूट हिस्सा मानते हैं फिर हमें क्यों साँप सूंघे हुए था इतने दिनों तक. हमने दो महीनी से चल रही गतिविधियों को क्यों नहीं भांपा ? क्या यह सारा दायित्व केवल पुलिस और खुफिया विभाग का है. ? हम भी बड़ी हद तक इन स्थितियों के जिम्मेदार हैं.हम भी इन्हीं नेताओं की तरह कल भूल जायेंगे यह सब कुछ.
bahut sahi. badhai bevaak tippani ke liye.
अरे कहां चली गई वो चिल्लाहट.....कहां गया वो बाप.....कौन से बिल में छुपा है.....कहां गया वो मराठा प्रेम और मुंबई प्रेम...कहां चले गए थे राज....जब मुम्बई का सीना चीर कर मुम्बई वासियों को आतंकी दहला रहे थे.....ज़रा अब बोलो.......जय महाराष्ट्र
फासीवादियों की आपने अच्छी कलई उधेड़ी है. बधाई. हम साथ-साथ.
कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि जब मन में बहुत गुस्सा हो और अपने पास शब्दों के सिवा कोई माध्यम न दिखता हो तो अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर लेना चाहिये और मैं ऐसे नेता के लिये जी भर कर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना चाहता हूँ जो देश को तोडने पर तुला हैं, पर कम्बख्त मैं यहाँ भी मात खा रहा हूँ....अभद्र भाषा जबान पर आ कर रूक जा रही है।
bahut hi satiik samvaad
तुम और तुम्हारी सेना जिस बिल में भी छुपी हो..........वहीं रहना.............कहीं कोई ये ना पूछ ले
अब कैसे बोलोगे...........जय महाराष्ट्र
Bahut acchi tippani...
mae vahi karna chahtee hun jo satish pancham chaahtey haen
मैं भी सोच रहा था कि अभी सारे लोग शोक ही मना रहे हैं.. कोई अपने राज भइया को नहीं याद कर रहा है - सही कहा आपने.. इसी बहने याद तो कर लिया आपने.. हमारे लोगों की याददाश्त बड़ी ही कमजोर है.. आप उन चंद लोगों में से हैं.. जिसने बहुत ही नाजुक मौके पे बहुत ही सटीक बात उठाई है..
दूसरी सबसे जरूरी बात.. राज भइया अगर अपने गुंडों को .. उस वक्त भेज देते स्टेशन पे लोगों की मदद के लिए.. तो सही तरीके से राजनितिक रोटी सेंकी जा सकती थी.. पर लगता है.. कि उनको सही से सलाह देने वाले भी कोई नहीं हैं.. एक मौका गया हाथ से.. वैसे शायद किसी को पता ही नहीं है, कि ऐसे समय में आप कैसे राजनीति कर सकते हैं.. बहुत फर्क पड़ता है भाई..
और आप विचलित न हों, कोई इस देश को नहीं बाँट पायेगा.. वो राज भइया..यूँ ही मजाक करते हैं.. आओ ख्वाम-खाह ही दिल पे लिए जा रहे हैं जनाब..ठण्ड रखें.. सब ठीक हो जायेगा... जय हिन्दुस्तान
waah! kya baat hai. bahut achha likha hai. badhayi.
ये ही है तनु का असली इस्टाइल ..... ब्लाग से हट कर तुम्हारी ये शैली कई बार देखी(झेली) है .. अब ब्लाग पर भी .... लेकिन बहुत ही अच्छा लिखा है ... बधाई ...
us moorkh ke charcha karana lekin dhyan rahe vo heero n ban jae kaheen
अजी किस नपुंसक का नाम ले दिया आपने. राज ठाकरे जैसे रीढविहीन ईसांन का नाम लेना भी खोटे कर्मों कि निशानी है.
words are yours but emotions are mine.Very true, this nonsense has spoiled the country as a whole,we are hindus, we are muslims and christians but no one is ready to be Indian ,why?
Keep this spirit up , you have the most required anguish to realise the things.
my best wishes
dr.bhoopendra
शानदार... अभी तक राज ठाकरे का रूप देखा था। तनु के रंग देखकर तो राज भी डर गया होगा। बहुत ही शानदार। मज़ा आ गया। काश मुंबई में भी लोग राज का ऐसे ही मुकाबला करते। जय महाराष्ट्र
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