tag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post374132370931800663..comments2023-11-03T04:02:12.794-07:00Comments on महुवा: क्या चाहते हो तुम.........महुवाhttp://www.blogger.com/profile/12285702566991211317noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-25464133383851483892009-04-04T06:52:00.000-07:002009-04-04T06:52:00.000-07:00शायद पलट कर देखने की जरूरत है.उसके कंठ में कोई कील...शायद पलट कर देखने की जरूरत है.उसके कंठ में कोई कील ...ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-38693635119207534192009-04-03T04:19:00.000-07:002009-04-03T04:19:00.000-07:00तुम्हें नहीं मालूम ज़िदगी जीने की कितनी प्यास है.....तुम्हें नहीं मालूम ज़िदगी जीने की कितनी प्यास है....कितनी शिद्दत बढ़ गई है......मैं कहां से जताऊं.....नहीं चाहिए ये सन्नाटे और ये खामोश आवाज़ें......जो दबा नहीं पाती मेरे भीतर के कोलाहल को.....जब तक यह कोलाहल है तब तक जीने की इच्छा बाकी है ..कोई क्या चाहेगा यह बात कहाँ पता चल पाती है ..अपने में hi घुमती आवाजे अक्सर इस तरह से बाते करती है और यूँ ही दिल को कुछ पल का सकून दे जाती हैं ...रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-65679327003656191602009-04-03T04:10:00.000-07:002009-04-03T04:10:00.000-07:00खलिश....और मेरी सांसो की आहट होती है....और इसके अल...खलिश....और मेरी सांसो की आहट होती है....और इसके अलावा कुछ नही होता....इन खामोश पलों मे कोई है जो मेरे अंदर शोर मचाता है.....मेरी सांसों की आवाज मेरे कानों तक ले जाता है......इस भीड़ में अकेला बनाता है.....डराता है.....और एहसास कराता है....मेरे अधूरेपन का और तुम्हारे वजूद का.....इस कमरे में बन जाती है एक दुनिया.......बाहर के एहसास को भुलाती और बताती.....एकाकीपन के जीवन को.......जीवटता के साथ जताती कि.....यही ज़िदगी है.........<BR/><BR/><BR/>यही सच है जीवन का जिसमे इंसान सिर्फ अकेला होता है अपने तन्हाईयो से जुझता हुआ ..........<BR/>बहुत ही खुब ही खुबसुरत रचना है......संध्या आर्यhttps://www.blogger.com/profile/12304171842187862606noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-33268567544704805552009-04-02T10:12:00.000-07:002009-04-02T10:12:00.000-07:00एकाकी मन की व्यथा कितने सहज/सरल शब्दों में कह डाला...एकाकी मन की व्यथा कितने सहज/सरल शब्दों में कह डाला. आभारP.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-37184185854216495462009-04-02T06:06:00.000-07:002009-04-02T06:06:00.000-07:00इस कमरे में बन जाती है एक दुनिया.......जैसे पुरे क...इस कमरे में बन जाती है एक दुनिया.......जैसे पुरे कथन का सूत्रवाक्य यही है..पिंजरे में कैद किसी पक्षी का रुदन ???<BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/><BR/>लिखती रहिये एक अजीब सा सकून मिलता है आपको पढ़कर .डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-86730929666994220272009-04-02T02:58:00.000-07:002009-04-02T02:58:00.000-07:00तुने मुझे अपने से क्यों लिपटाया हुआ है.....मैंने त...तुने मुझे अपने से क्यों लिपटाया हुआ है.....<BR/>मैंने तो भर बहते पानी में जाना है .....<BR/>कोई था जोमेरा जो मुझ से खो गया है ..<BR/>शायद उससे ये किनारा छुट गया हैMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-17766082468028749852009-04-02T02:18:00.000-07:002009-04-02T02:18:00.000-07:00touchingtouchingरूपाली मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/14790114215632305044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-19584502904595601652009-04-02T01:52:00.000-07:002009-04-02T01:52:00.000-07:00ye andaaz bhi bahut hub raha,sunderye andaaz bhi bahut hub raha,sundermehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-80327066981080819322009-04-02T00:40:00.000-07:002009-04-02T00:40:00.000-07:00bahut hi sanjeedabahut hi sanjeedaकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-83971074944287761692009-04-02T00:26:00.000-07:002009-04-02T00:26:00.000-07:00उम्दा अभिव्यक्ति!!उम्दा अभिव्यक्ति!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-48259225459092884502009-04-01T23:08:00.000-07:002009-04-01T23:08:00.000-07:00दिल के हालातों को बहुत खूबसूरती से उतारा है यहाँ ....दिल के हालातों को बहुत खूबसूरती से उतारा है यहाँ ...बहुत ही उम्दा लिखा है आपने <BR/><BR/><A HREF="http://meraapnajahaan.blogspot.com/2009/04/blog-post.html" REL="nofollow"> मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति </A>अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com