tag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post1034416996646211233..comments2023-11-03T04:02:12.794-07:00Comments on महुवा: पूरे चांद की रात.......महुवाhttp://www.blogger.com/profile/12285702566991211317noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-44748315019340497472010-07-28T04:48:35.496-07:002010-07-28T04:48:35.496-07:00Very nice writtenVery nice writtenpawan Dutthttps://www.blogger.com/profile/06451831487199208434noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-57007801962228389262010-04-22T23:28:00.398-07:002010-04-22T23:28:00.398-07:00इस पास होकर करीब न होने को महसूसने जैसा लगा तुमको ...इस पास होकर करीब न होने को महसूसने जैसा लगा तुमको पढ़ना...लगा खुद को ही जी रही हूँ. जंगल के बीच ये खूबसूरत उदास तन्हाई, तुमने कमाल का चित्र खींचा है. डूब कर पढ़ा...रंग देर तक साथ रहेंगे मेरे भी.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-33693681432194144392010-03-20T23:47:45.091-07:002010-03-20T23:47:45.091-07:00मौन रहना अच्छा होता है पर हमेशा नहीं,दूसरे की मन क...मौन रहना अच्छा होता है पर हमेशा नहीं,दूसरे की मन की बात केवल ईश्वर ही समझ सकता है हर कोई नहीं............"<br />प्रणव सक्सैना<br />amitraghat.blogspot.comAmitraghathttps://www.blogger.com/profile/13388650458624496424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-63274167320609233462010-03-20T11:22:30.055-07:002010-03-20T11:22:30.055-07:00इतनी उदासी के पीछे वजह क्या है..
हसरतें कभी किसी ...इतनी उदासी के पीछे वजह क्या है.. <br />हसरतें कभी किसी की कहां पूरी होती हैं.. <br />ज़माने की ठोकरें जब किस्मत में लिखी हों...अबयज़ ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/06351699314075950295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-32712550156118028232010-03-20T07:21:14.867-07:002010-03-20T07:21:14.867-07:00ज़िंदगी मे से जब हंसी गायब हो जाती है तो जाते जाते...ज़िंदगी मे से जब हंसी गायब हो जाती है तो जाते जाते वो आपको अपने ऊपर हंसना ज़रुर सिखा जाती है...मेरे साथ साथ आप भी हंस सकते हैं...महुवाhttps://www.blogger.com/profile/12285702566991211317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-59827625505418862832010-03-20T07:06:47.713-07:002010-03-20T07:06:47.713-07:00जानती हो कल अचानक देव- डी दोबारा देख रहा था .उसमे ...जानती हो कल अचानक देव- डी दोबारा देख रहा था .उसमे एक सीन है जिसमे चंदा कोलेज जाने से पहले अभय से पूछती है .वापस आयुंगी तो मिलोगे ....उसके बाद कुछ घटनाएं घटित होती है .ओर अभय वापस अपने रास्ते .....जाने क्यों वो सीन कई देर तक साथ रहा........आज तुम्हे पढता हूँ तो शुरू से उदासी मिलती है .फैली फैली सी .कई रंग लिए .....सोचता हूँ आखिर में शायद कोई फूल खिले..हंसी का ......पर उदासी अब भी सफ्हो पर बिखरी पड़ी है .......आज अचानक नहीं समझ पा रहा इस कहानी को पढ़कर मुझे वो सीन क्यों याद आ रहा है .....कोई कनेक्शन नहीं फिर भी....शायद उदासी का असर हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-60311435429568433852010-03-19T22:11:03.952-07:002010-03-19T22:11:03.952-07:00bahut hi sunderbahut hi sunderसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7028992842128488772.post-60799315520933976192010-03-19T14:46:44.712-07:002010-03-19T14:46:44.712-07:00बढ़िया प्रवाहमयी!बढ़िया प्रवाहमयी!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com